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बुधवार, 27 मई 2009

Sabab


सबब था रेत के रवों से एक मकान बनाने का,
उम्मीद की लहरों से अपने तन को भिगाने का!
कैसे करूँ खुद को संजीदा सारे ख्वाब भुलाकर,
जब ख्वाब करके गया वादा उसे यहाँ लाने का!!!!

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