चलते हैं हम इस जीवन की राह पर,
जैसे ये सूनसान सड़कें,
जहां पास रोशनी के कोई मंज़िल नहीं,
जैसे उम्मीदों की चमक—धीमी, मगर कायम।
हर कदम पर एक नई रोशनी,
सड़क पर बिछी, राह दिखाती दूर तक,
कभी-कभी अंधेरा भी घेर लेता है,
और तब कहीं दूर से चाँदनी मुस्कराती है,
जैसे नीले आसमान से कोई उम्मीद की किरण।
चाँद का ये हल्का नूर सड़क की बत्तियों से परे,
बयां करती है कठिनाइयों में भी रोशनी,
ज़िंदगी की सड़कें भी यूं ही हैं,
कभी सजीव, कभी ठंडी-सी, शांति से भरी,
हर मोड़ पर एक नई चेतावनी,
हर रोशनी है दिलचस्प यात्रा सुहावनी।
तो चलो, चलते रहें इस अनंत यात्रा पर,
जहां ये रास्ते हमें ले जाते हैं,
और चाँदनी हमें दिलासा देती है,
कि मंज़िल चाहे कहीं भी हो,
किसी रोशनी के साथ हम उसे पा ही लेंगे।।